विश्व हिंदी दिवस (World Hindi Day) हर साल 10 जनवरी को मनाया जाता है.
विश्व हिंदी दिवस (World Hindi Day 2019) का उद्देश्य विश्व भर में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए वातावरण निर्मित करना और हिंदी को अंतरराष्ट्रीय भाषा के रूप में पेश करना है.
हिंदी भाषा को 14 सितम्बर 1949 को संविधान सभा के द्वारा आजाद भारत की मुख्य भाषा के रूप में पहचान दी गई थी।
भारत में करीब 77 प्रतिशत आबादी हिंदी बोलती है।
विदेशों में भारत के दूतावास इस दिन को विशेष रूप से मनाते हैं. इस दिन सभी सरकारी कार्यालयों में विभिन्न विषयों पर हिंदी के लिए अनूठे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.
विश्व हिंदी दिवस मनाने की शुरुआत पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने 10 जनवरी 2006 को की थी. तभी से हर साल 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस (Vishv Hindi Divas) मनाया जाता है.
हिंदी सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि पाकिस्तान, नेपाल और बांग्लादेश में भी बोली और समझी जाती है। करीब 60 करोड़ लोग हिंदी बोलते हैं, इनमें से 26 करोड़ लोगों की यह मातृभाषा है।
हिंदी और उर्दू भाषाओको एकदूजे की भगिनी कहा जाता है क्योंकि दोनों के व्याकरण ओर शब्दभंडार में समानता है।
संविधान द्वारा हिंदी को भारत की राजभाषा का दर्जा दिये जाने की खुशी में हम हिंदी दिवस मनाते हैं। संविधान के अनुच्छेद 343 में हिंदी भाषा को राजभाषा के तौर पर अपनाने का उल्लेख मिलता है।
विश्व हिंदी दिवस (World Hindi Diwas) के अलावा हर साल 14 सितंबर को 'हिंदी दिवस' (Hindi Diwas) मनाया जाता है.
1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने प्रथम विश्व हिंदी सम्मेलन का उद्घाटन किया था.
दुनिया भर में हिंदी (Hindi) के प्रचार-प्रसार के लिए पहला विश्व हिंदी सम्मेलन 10 जनवरी 1975 को नागपुर में आयोजित किया गया था.
इसलिए इस दिन को विश्व हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस सम्मेलन में 30 देशों के 122 प्रतिनिधि शामिल हुए थे. 2006 के बाद से हर साल 10 जनवरी को विश्वभर में विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है
नॉर्वे में पहला विश्व हिंदी दिवस भारतीय दूतावास ने मनाया था. इसके बाद दूसरा और तीसरा विश्व हिंदी दिवस भारतीय नॉर्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम के तत्वाधान में लेखक सुरेशचन्द्र शुक्ल की अध्यक्षता में बहुत धूमधाम से मनायागया था.
14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया था तभी से 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है.
हिंदी दुनिया भर में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली पांच भाषाओं में से एक है
दक्षिण प्रशान्त महासागर के मेलानेशिया में फिजी नाम का एक द्वीप है. फिजी में हिंदी को आधाकारिक भाषा का दर्जा दिया गया है. इसे फिजियन हिंदी या फिजियन हिन्दुस्तानी भी कहते हैं.
पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, न्यूजीलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, युगांडा, गुयाना, सूरीनाम, त्रिनिदाद, मॉरिशस और साउथ अफ्रीका समेत कई देशों में हिंदी बोली जाती है.
साल 2017 में ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में पहली बार 'अच्छा', 'बड़ा दिन', 'बच्चा' और 'सूर्य नमस्कार' जैसे हिंदी शब्दों को शामिल किया गया. चमचा', 'नाटक' ओर जय शब्द को भी रखा गया है।
2017 में ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में भारतीय भाषाओं के 70 शब्द जोड़े गए
विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार हिंदी विश्व की दस शक्तिशाली भाषाओं में से एक है.
विश्वभर के करीब 176 विश्वविद्यालयों में हिंदी एक विषय के तौर पर पढ़ाई जाती है।
इसे जिस प्रकार से लिखा जाता है बिल्कुल उसी प्रकार से बोला भी जाता है। हिंदी भारत की राजभाषा भी है। हिंदी विश्व में चौथे नंबर की सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है।अंग्रेजी, स्पेनिश, चीनी भाषा के बाद हिंदी पूरे विश्व के कई कोनों में बोली जाती है।
इस वक्त पूरी दुनिया में 26 हिंदी चेयर चल रहे हैं,
हिंदी भाषा की सबसे छोटी इकाई ध्वनि होती है। इसी ध्वनि को ही वर्ण कहा जाता है। वर्णों को व्यवस्थित करने के समूह को वर्णमाला कहते हैं। हिंदी में उच्चारण के आधार पर 45 वर्ण होते हैं। इनमें 10 स्वर और 35 व्यंजन होते हैं। लेखन के आधार पर 52 वर्ण होते हैं इसमें 13 स्वर , 35 व्यंजन तथा 4 संयुक्त व्यंजन होते हैं। वर्णमाला के दो भाग होते हैं :- 1. स्वर 2. व्यंजन 1. स्वर क्या होता है :- जिन वर्णों को स्वतंत्र रूप से बोला जा सके उसे स्वर कहते हैं। परम्परागत रूप से स्वरों की संख्या 13 मानी गई है लेकिन उच्चारण की दृष्टि से 10 ही स्वर होते हैं। 1. उच्चारण के आधार पर स्वर :- अ, आ , इ , ई , उ , ऊ , ए , ऐ , ओ , औ आदि। 2. लेखन के आधार पर स्वर :- अ, आ, इ , ई , उ , ऊ , ए , ऐ , ओ , औ , अं , अ: , ऋ आदि। व्यंजन क्या होता है :- जो वर्ण स्वरों की सहायता से बोले जाते हैं उन्हें व्यंजन कहते हैं। हर व्यंजन के उच्चारण में अ स्वर लगा होता है। अ के बिना व्यंजन का उच्चारण नहीं हो सकता। वर्णमाला में कुल 35 व्यंजन होते हैं। कवर्ग : क , ख , ग , घ , ङ चवर्ग : च , छ , ज , झ , ञ टवर्ग : ट , ठ , ड , ढ , ण ( ड़ ढ़ ) तवर्ग : त , थ , द , ध , न पवर्ग : प , फ , ब , भ , म अंतस्थ : य , र , ल , व् उष्म : श , ष , स , ह संयुक्त व्यंजन : क्ष , त्र , ज्ञ , श्र यह वर्णमाला देवनागरी लिपि में लिखी गई है। देवनागरी लिपि में संस्कृत , मराठी , कोंकणी , नेपाली , मैथिलि भाषाएँ लिखी जाती हैं। हिंदी वर्णमाला में ऋ , ऌ , ॡ का प्रयोग नहीं किया जाता है।
इस मौके पर शिवराज सिंह चौहान समेत तमाम लोग हिन्दी के मूर्धन्य लेखक और कवि भारतेन्दु हरिश्चंद्र की यह प्रसिद्ध पंक्ति शेयर कर रहे हैं
निज भाषा उन्नति अहै,
सब उन्नति को मूल बिन निज भाषा-ज्ञान के,
मिटत न हिय को सूल।।
- भारतेन्दु हरिश्चंद्र
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