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"જો તમારી અંદર પ્રતિભા હોય તો તમે જરૂર સફળ થશો પછી ભલે પરિસ્થિતીઓ કેટલી પણ વિપરીત કેમ ન હોય તે તમને સફળતાની ઉડાન ભરવાથી ક્યારેય રોકી શકશે નહી"

06 December, 2021

World Soil Day (વિશ્વ માટી દિવસ )

 World Soil Day (વિશ્વ માટી દિવસ )

5 December


दुनियाभर में  5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस (World Soil Day)  के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को हो रहे मृदा प्रदूषण के प्रति जागरूक करना है। आज के समय में लोगों द्वारा मिट्टी का भरपूर तरीके से दुरुपयोग किया जा रहा है। लोगों को मिट्टी की गुणवत्ता बताने के लिए ही विश्व मृदा दिवस मनाया जाता है। इसी शुरूआत दिसंबर 2013 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 68वीं सामान्य सभा की बैठक में पारित संकल्प के द्वारा 5 दिसंबर को विश्व मृदा दिवस मनाने का संकल्प लिया गया था। इस दिवस को मनाने का उदेश्य किसानों के साथ आम लोगों को मिट्टी की महत्ता के बारे में जागरूक करना है। 

हम जानते हैं कि हमारा भविष्य स्वस्थ मिट्टी पर निर्भर करता है. मगर आपने कभी सोचा है कि कितनी बार आप अपने पैरों के नीचे की जमीन की सराहना करते हैं? दुनिया में मिट्टी के बिना कोई खाद्य सुरक्षा नहीं हो सकती है. इसी के चलते मिट्टी प्रबंधन के महत्व और इसे इस तरह रखने के लिए ये दिन समर्पित किया जाता है.

विश्व मृदा दिवस 2021 के विषय के रूप में मृदा लवणता को रोकने का महत्व (Importance of preventing soil salinity as the theme of World Soil Day 2021)

मिट्टी में पानी में घुलनशील लवणों के निर्माण को लवणीकरण कहा जाता है. आमतौर पर इसमें अन्य रसायनों के अलावा सोडियम, पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, सल्फेट्स, क्लोराइड, कार्बोहाइड्रेट और बाइकार्बोनेट शामिल हैं. सामग्री के आधार पर, नमक से प्रभावित पृथ्वी को खारा, सोडिक या लवणीय-सोडिक के रूप में छांटा गया है.

पौधों की वृद्धि पर मिट्टी की लवणता का मुख्य प्रभाव जल अवशोषण में कमी है. मिट्टी में पर्याप्त नमी होने पर भी पानी के अवशोषण में कमी के कारण फसलें मुरझा जाती हैं और मर जाती हैं.

वैश्विक स्तर पर 2018 की जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं (आईपीबीईएस) पर अंतर सरकारी विज्ञान-नीति मंच की रिपोर्ट के मुताबिक:

  • प्रति वर्ष लगभग 190 मिलियन एकड़ का नुकसान होता है

  • 150 मिलियन एकड़ क्षतिग्रस्त

  • 5 अरब एकड़ लवणता से प्रभावित है

यह इस मुद्दे की गंभीरता को दर्शाता है जिसका हम सामना कर रहे हैं और वैश्विक मिट्टी से संबंधित समस्याओं को ठीक करने के लिए इस तरह के विषय को लेना कितना आवश्यक है.

कैसे शुरू हुआ? (How did it start?)

मिट्टी का जश्न मनाने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय दिवस की सिफारिश 2002 में इंटरनेशनल यूनियन ऑफ सॉयल साइंसेज (IUSS) द्वारा की गई थी. थाईलैंड के साम्राज्य के नेतृत्व में और ग्लोबल सॉयल पार्टनरशिप के ढांचे के भीतर, एफएओ ने वैश्विक रूप से डब्ल्यूएसडी की औपचारिक स्थापना का समर्थन किया.

एफएओ सम्मेलन ने सर्वसम्मति से जून 2013 में विश्व मृदा दिवस का समर्थन किया. इसके साथ ही 68 वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा में आधिकारिक रूप से अपनाने का अनुरोध किया गया. दिसंबर 2013 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 5 दिसंबर 2014 को पहले आधिकारिक विश्व मृदा दिवस के रूप में नामित करके प्रतिक्रिया दी.

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना की शुरूआत हुई थी-

मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने साल 2015 में मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना (एसएचसी) की शुरूआत की थी। इसमें भारत सरकार के कृषि एवं सहकारिता मंत्रालय द्वारा देशभर में 14 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड (एसएचसी) जारी करने का लक्ष्य रखा गया था।


हमारी भूमिका

दोस्तों जैसे कि हम सभी को पता है - हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है। हमारे देश में अधिकांश लोग खेती / किसानी करते हैं। ऐसे में हमारी भूमिका इस दिन क्या होनी चाहिए? हम सभी को इस दिन किसानों के पास जाकर उन्हें रासायनिक खाद से होने वाले मृदा प्रदूषण तथा जैविक खाद से होने वाले फायदों के बारे में बताना चाहिए। यह न केवल हमारे लिए बल्कि हमारे आने वाली पीढ़ियों के लिए भी फायदेमंद साबित होगा। अन्यथा वह दिन बहुत दूर नहीं जब संपूर्ण विश्व की मिट्टी बंजर हो जाएगी और हम सभी को एक-एक दाने के लिए तरसना होगा। मिट्टी का संरक्षण करना है तो जैविक खाद का ही उपयोग करें, इस बात को हमें किसानों तक किसी भी हालत में पहुंचाना है। हमारे धरती मां को मृदा प्रदूषण से होने वाले कष्ट से बाहर निकालना है।

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